यदि उपलब्ध हो तो फाहे को रोगाणुरहित सामान्य लवणयुक्त घोल में गीला करें।
2.
परीक्षण के लिए ऐन्टिजिन इमल्शन बनाने के लिए बफर वाले लवणयुक्त घोल की आवश्यकता होती है।
3.
लवणयुक्त घोल, जख्मों को साफ़ करने के लिए तथा आंखों से बाहरी संक्रमण को धोने के लिए
4.
लवणयुक्त घोल, जख्मों को साफ़ करने के लिए तथा आंखों से बाहरी संक्रमण को धोने के लिए
5.
लवणयुक्त घोल, जख्मों को साफ़ करने के लिए तथा आंखों से बाहरी संक्रमण को धोने के लिए
6.
ऐसी स्थिति में नमूनों को १ः४० तक पतला कर देने के बाद सामान्य लवणयुक्त घोल के साथ इस परीक्षण को दोहराएँ।
7.
तर करने वाला सिरिंज-नालशलाका नोक के साथ ज़ख्मों को जीवनुरहित जल, लवणयुक्त घोल या मंद आयोडीन घोल से धोने के लिए.
8.
तर करने वाला सिरिंज-नालशलाका नोक के साथ ज़ख्मों को जीवनुरहित जल, लवणयुक्त घोल या मंद आयोडीन घोल से धोने के लिए.
9.
यदि चूषण द्रव उत्पन्न नहीं करता है तब लवणयुक्त घोल को गिलटी के भीतर डाला जाता है और फिरसे चूषण किया जाता है।
10.
गिलटी के द्रव के चूषण के लिए १८ / १९गेज के सुई और सीरिंज में जीवाणुरहित लवणयुक्त घोल के कुछ मिलीलीटर से सशस्त्र १०मिलिलीटर या २०मिलीलीटर के सीरिंज का उपयोग करना चाहिए।